"मुझे मारने के लिए बल्ले की ज़रूरत नही पड़ती मेरे हाथ ही काफी हैं ।" ये बातें हफी की हैं एक ऐसा इंसान जो अपने उसूलों से समझौता नही करता था। वो आई एच एम् के उन ज्यादातर लोगों की तरह नही था जो शराब और नशे में मशगूल रहते हैं। वो ६ फुट २ इंच का लड़का अपने परिवार की प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझता था।
कल नाजिश का उदय पुर से फ़ोन आया और जब उसने बताया की हफी अब हमारे बीच नही रहा तो मैं कुछ समझ नही पाया लगा शायद मजाक कर रहा है और वो लखनऊ आया हुआ होगा और मुझे मिलने के लिए बहाना कर रहा है। मैंने अंकित मेहता को फ़ोन कर कन्फर्म किया पर उसने भी....... मैं निकल पड़ा इस उम्मीद से कि ये दोनों झूठ बोल रहे होंगे और मुझे उसके घर पर मिलेंगे। पर जब पंहुचा तो....... उसे देखा तो लगा कि उसका दिल धड़क रहा है मैं चौंक गया पर चलती हवा ने मेरी इस वहम को तुंरत मिटा दिया। फ़िर भी न जाने क्यूँ आख़िर तक लगता रहा कि ये अभी उठ जाएगा और कहेगा निक्की भइया! येही सोच कर मैंने अजीम भइया को उसका नम्बर डिलीट करने के लिए मना कर दिया। अजीम भइया से भी उसे मैंने ही मिलवाया था और उसके जाने की ख़बर भी मैंने ही उन्हें दी। कल ही तो अपने ऑफिस में उसे करीब २ बजे याद किया और कल शाम ही ये मनहूस ख़बर मिली।
वो मुझे हमेशा याद रहेगा। वो मेरी ज़िन्दगी में एक अहम् रोल अदा करने वाला इंसान था मेरे भाई जैसा था वो।
राम तो सबके हैं, लेकिन मंदिर पर अधिकार चंपत जी की टीम का ही है, जान लीजिए
व्यर्थ में दु:खी नहीं होंगे
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लखनऊ। पिछले कई दिनों से राम मंदिर ट्रस्ट, आयोध्या द्वारा खरीदी गई जमीन के
मामले में बवाल कटा पड़ा है। लेकिन बवाल क्यों है शायद ये ज्यादातर बवाल
करने ...
3 years ago