Saturday, October 4, 2008

शहादत

कौन कहता है की शहादत,
सिर्फ़ सरहदों पर होती है,
आज हर गली में
ईमानदारी शहीद होती है
क्यूँ ढूंढ रहे बेईमानी
झूटे सफेद्पोशों में
बगल में झांक लो
वहां भी छिपी होती है
अरे अब तो समझो
ये वतन तुम्हारा है
और कई हमवतनों को
रोटी नसीब नही होती है
किसी और इसकी
वजह न समझ
जो न किया तूने
वो फ़र्ज़ याद कर
देकर देख किसी ऐसे
बचपन को खुशी
जिसकी माँ हर रात
पानी पका कर र्रोती है

1 comment:

Unknown said...

very nice.You have explain your heart beat very well dear..keep up...