कल रात टीवी पर एक विज्ञापन देखा जिसमे एक टीवी अदाकारा और राजनीतिज्ञ महिला संदेश देती हैं कि शुद्ध पानी हर माँ की ज़िम्मेदारी है.... ये संदेश मुफ्त में नही था और आम जन मानस की जाग्रति के लिया नही था ये पैसे कमाने के उद्देश्य से था और एक वाटर प्योरीफायर के प्रचार के लिए था। एक और फ़िल्म जगत की काफी चर्चित अदाकारा है और किस्मत से वो भी राजनीतिज्ञ हैं, वो भी एक वाटर प्योरिफायेर के विज्ञापन में दिखाई देती हैं। उसी दिन यमुना के बारे में पढ़ा कि उसका पानी किसी जानवर के नहाने लायक तक नही और इस गरीब देश में पैक पानी और उसे शुद्ध करने वाले यंत्रो का व्यापार अरबों का है। गंदे पानी की वजह से काफी लोग गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं और अपनी जान तक गंवा देते हैं। विज्ञापन से लगा की अगर आपके पास पैसा नही और आप उस यन्त्र को नही खरीदते हैं तो न आप शुद्ध पानी दे पाएँगी और ना ही जिम्मेदार माँ बन पाएँगी ।कैसा लगा होगा उन माँओं को जो उस वक्त एकता कपूर के भावनात्मक सीरियल देख कर काफी भावुक हो चुकी होगीं और सोच रही होगीं कि वाटर प्योरीफायर को न खरीद कर और बच्चो को शुद्ध पानी न देकर सगी माँ होकर भी वो कैकेयी साबित हो गई हैं , इस पर और भावुक होकर वे ख़ुद को पानी पीकर कोस रहीं होगी। उसके बाद जो पति सीरियल खत्म होने तक खाने के इंतज़ार में बैठा होगा वो उस अति भावुक पत्नी के ताने सुनकर ये सोच रहा होगा की कैसे और किस से उधार लेकर वो प्योरिफायेर खरीद कर अपनी पत्नी को जिम्मेदार माँ बनाएगा। अब कौन याद दिलाये इन नेत्रियों की वो राजनीतिज्ञ भी हैं। इन आम भारतीयों के घर की झंझटों को न बढाये । इन्हे अहसास होना चाहिए की सिर्फ़ हाई क्लास समाज की माँ ही वाटर प्योरीफायर खरीद कर जिम्मेदार नही होती.... उन्हें ये भी अहसास होना चाहिए कि आम आदमी के लिए शुद्ध पानी मुहैया करना उनकी ज़िम्मेदारी है और एक अभिनेत्री के तौर पर वो जनता को नदियों को साफ़ रखने, पानी की बचत करने आदि के लिए प्रेरित करने में ज़्यादा असरदार साबित होगी साथ ही उन्हें एक राजनीतिज्ञ के तौर पर सरकार को साफ़ पानी की उलब्धता कराने के लिए मजबूर करना होगा। ऐसा करने पर सीरियल ख़त्म होने पर भी वो आम भारतीय की नायिका बनी रहेंगी। पर क्या वो ऐसा करेंगी? देखिये आगे क्या होता है और तब तक आप पानी को साफ रखने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी तय कीजिये.
1 comment:
achha likhte ho lage raho naya saal mubarak
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