हाल ही में श्री राम सेना के लोगों ने एक पब में कुछ लोगों की पिटाई की। ज़ाहिर से बात है उन्हें इस बात की आज़ादी संविधान ने नही दी। इस बारे में जानकारी मीडिया से ही प्राप्त हुई। और कल तक इस विषय पर लोगों की राय, नेताओं की राय, महिला समूहों की राय ली जा रही है। सब एक सुर में कह रहे है (कुछ को छोड़कर और कल तक उनके बयान भी बदल जायेंगे) कि महिलाओं पर अत्याचार हुआ है। चैनेल्स पर भी लड़कियों को पिटते हुए दिखाया गया है। लोग कह रहे ये महिलाओं पर अत्याचार है शायद उन्होंने विडियो को ढंग से नही देखा उसमे एक लड़के को कहीं ज़्यादा बुरी तरह से पीटा गया। इस से ये तो तय है की वो सिर्फ़ महिला विरोधी नही थे। पर इसका मतलब ये भी नही की वो सही थे। टीवी पर एक बुजुर्ग राय दे रहे थे कि पब आदि में जाना सही है इससे लड़के लड़की में मेल बढेगा और विवाह आदि में जाति, धर्म के बंधन ख़त्म होगे।
कुछ दिनों पहले पटियाला में लड़कियां पब में गईं थी और कुछ ऐसा हो रहा था कि मीडिया ने पुलिस को जानकारी दी और फिर कुछ ऐसी तस्वीर सामने आई कि महिला संस्कृति (मेरे हिसाब से शर्मसार हुई) लड़कियां शराब पीकर सड़कों पर पड़ी थी कुछ तो अपने अर्धनग्न बदन को ढकने की हालत में भी नही थी। पंजाब मीडिया ने इस ख़बर को दिखाया था। क्या पटियाला में जो हुआ वो सही था? मुंबई में भी एक रेव पार्टी में कुछ लोग पकड़े गए थे। उन में से ९० % से ज़्यादा लोग चरस आदि जैसे नशे करने के दोषी पाए गए। कुछ समय पहले शायद मुंबई में ही नए साल कि पार्टी में लोगों के समूह ने एक लड़की से बदतमीजी की थी और वो ख़बर सुर्खियों में आई थी।
हमारे लोग श्री राम सेना का विरोध तो कर रहे हैं जो सही है पर ऐसी पब पार्टियों का समर्थन क्यों कर रहे हैं समझ नही आता? काफ़ी पढ़ी लिखी महिलाओं ने लड़कियों के शराब पीने को उचित बताया। मेरे हिसाब से उन्हें पुरूष के शराब पीने पर आपत्ति करनी चाहिए थी क्योंकि इस देश में काफ़ी अपराध नशे में होते हैं। पर उन्होंने लड़कियों के शराब पीने का समर्थन किया। हाल ही में आई फैशन फ़िल्म में भी अभिनेत्री प्रियंका चोपडा नशे में धुत एक अनजाने लड़के के साथ डांस करती हैं और जब होश आता है तो उसके साथ बिस्तर पर मिलती हैं। अब आप बताये आपके अनुसार लड़कियों के शराब के समर्थन का जवाब क्या सही था?
लगता है देश में अब चारित्रिक पतन होना शर्मनाक नही है। मैं श्री राम सेना का समर्थक नही पर लोगों को उनके विरोध व् अश्लीलता और नशे के समर्थन में फर्क करना चाहिए। हल्ला बोलो ऐसी श्री राम सेना के असामाजिक काम के ख़िलाफ़। साथ ही भारतीय संस्कृति को धूमिल करने वाले ऐसे डिस्क, पब संस्कृति के ख़िलाफ़ भी। हमे नशे के ख़िलाफ़ हल्ला बोलना है चाहे वो पुरूष करे या महिला।
1 comment:
aap ke is article neih :- aaj ki mahiloy keih charit ka khulasa kiya hai jo ki apni mili hui azadi ka galat istamal kar rahi hai .. shayad yahi wajah rahi hogi lambay ghoghat karvana ki ..azadi milnay kaeh baad woh apney lambay ghughat ko chod kar apnay astitva ko nayi pehcahan de par is tarah se pabu meih ja kar asliltaa ko bhadva dena khulay aam sharab pina agar isi ko azadi kahtey hai toh meray samjh seih yeh azadi ... ka galat fyada uthanay jaisa hoga... agar hum mili azadi ko sahi mayno meih upyog karegeih toh mujhey nahi lagta in jaisy " shri ram sena" jaisay kisi bhi ghut ko hum par ungli uthana ya hath bhi lagna ka ka muka mila ga...
aur aap keh hi article meih ek senior citizen ka khena hai is tarha keih pabu meih jakar hum ladkiya apnay jeevansathi ke talsh khatam ho jayengi par meih yeh bata do kya woh apni khud ki janmi ladki ko permissiomn dengay ki pabu meih ana waley ladko sih unki shadi par manjoori dengay........
Shayad hum logo kuch kar keh na kar payey par is tarh seih seih article ka jarey humay apni dabi hui jaban seih kuch kadva par satya ka hi sath dengay .....
jai hind.
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