मैं अगर तुझसे
दूर भी जाऊंगा
तेरी आँखों से
नमी चुरा ले जाऊंगा
गम को पास आने की
इजाज़त न होगी
खुशी को तेरा
पहरेदार बना जाऊंगा।
काव्यनीति
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वेदना की शब्दवीथी न मेरी है ये काव्यनीति
है शशंकित मन जो तेरा उबार लूँ मैं यही प्रीती
राह पर नेपथ्य के चलना कठिन बस आज भर
कौन जाने क्या है आगे भविष्य तो बस...
9 years ago
4 comments:
मोहब्बत है ....बहुत खूबसूरत है
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
बहुत खूब ..
achcha likhte ho,,,,,,,
kaash aisa hamare neta janta se ye kehte :) wo to aankho se kaajal bhi chura lete hain
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