अब वक्त आ गया है की हम निकाल फेके उन अपराधियों, भ्रष्ट नेताओं को जो अपना उल्लू सीधा करते हैं। अभी तक हम लोग सोचते हैं की किसको वोट दे सभी तो अपराधी हैं और हम वोट देने नही जाते कम वोटिंग होती है और लोग जीत जाते हैं। हमारा वोट देना न देना कोई मायने नही रखता। कुछ साल पहले मैं जो सोचता था की किसी प्रत्याशी को न चुनने और नकारने का अधिकार हमारे पास होना चाहिए। सेक्शन ४९ ओ में ये व्यवस्था है।
हम में से काफी इस अधिकार के बारे में नही जानते। हमे जाकर पोलिंग बूथ पर फॉर्म १७ ऐ भरना होगा और उसका प्रतिशत ज़्यादा होने पर उस एरिया में दोबारा मतदान कराया जाएगा। पहले खड़े उम्मीदवारों को दोबारा चुनाव लड़ने नही दिया जाएगा । इस प्रकार पार्टियाँ सही व्यक्ति को टिकेट देने पर मजबूर हो जाएँगी।
कोई नेता इसकी जानकारी लोगों को नही देता इसकी वजह आप समझते होंगे। मीडिया भी इस मुद्दे को नही उठाते शायद उनमे से काफी का अपना हित छुपा हो। पर अब ये जानकारी लोगों तक पहुचना हमारा काम है। अब हमारा काम है हल्ला बोलना इस फॉर्म १७ ऐ के साथ.... अपना कमेन्ट ज़रूर दे इस जानकारी पर ......
राम तो सबके हैं, लेकिन मंदिर पर अधिकार चंपत जी की टीम का ही है, जान लीजिए
व्यर्थ में दु:खी नहीं होंगे
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लखनऊ। पिछले कई दिनों से राम मंदिर ट्रस्ट, आयोध्या द्वारा खरीदी गई जमीन के
मामले में बवाल कटा पड़ा है। लेकिन बवाल क्यों है शायद ये ज्यादातर बवाल
करने ...
3 years ago
5 comments:
कुछ चिट्ठाकारों ने ४९-ओ इस्तेमाल करने की कोशिश की थी। लेकिन बूथ संचालक मताधिकारियों को इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं थी।
दूसरी ओर सुना है कि कुछ चालीस गाँवों ने सामूहिक रूप से ४९-ओ इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। अब चुनाव परिणाम आयेंगे तब ही पता चलेगा कि ४९-ओ वास्तव में इस्तेमाल किया भी जा सकता है या ये भी एक कागजी बुत है।
ये बेकार की बात है -ऐसा कोई फार्म नहीं होता -यह नियम ४९ ओ है -बस वोटर रजिस्टर फार्म १७ में नाम की इंट्री हो जायेगी ! वोटर ई वी एम् तक नहीं जा पायेगा !
पोलिंग आफीसर कहेगा कि भाई हो गया अब चलो लायीं छोडो -बहुत तीर मार लिया !
आपका दिया हुआ लिंक खुल ही नही रहा। और ज्यादा जानकारी दे जाए इसके बारें में तो ज्यादा अच्छा होगा।
असली लिंक यह है: http://indianelection2009.wordpress.com/2009/03/01/49-o-elector-deciding-not-to-vote/
iski jaankari bhi usi tarah faialni hogi jaise kuch sansthayein vote ke liye jan jaagran kar rahi hain.
achha to ho ek alag button ho EVM mein
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