Friday, October 2, 2009

एक से या अनेक से पर कंडोम से............

एक से या अनेक से पर कंडोम से ! आप लोग चौंक गए अरे ये मैंने क्या लिख दिया या ये मैं क्या कह रहा हूँ या लगता है विशाल आज पागल हो गया।

ऐसा मत सोचियेगा क्योंकि ये मेरा संदेश नही है। कुछ दिनों पहले मैंने एक प्रचार गाड़ी को देखा तो रक्षक कंपनी कंडोम का प्रचार कर रही थी और ये संदेश उस गाड़ी पर लिखा लिखा हुआ था। पढ़ कर मेरा दिमाग बहुत ख़राब हुआ। कंडोम का प्रचार ऐड्स से बचने के लिए होता था, जनसँख्या वृद्धि रोकने लिए होता था पर ये संदेश तो कुछ और भी कह रहा था आख़िर क्या असर पड़ता होगा उन युवाओं और बच्चो पर जो इसे पढ़ रहे होगे।



कुछ मानक होने चाहिए और कुछ नैतिकता भी। अब समझ में आता है क्यूँ सेक्स एजूकेशन के बाद U S A में बच्चों में सेक्स करने और कम उम्र में गर्भवती होने के मामलो में बढोत्तरी हुई। क्यों आई पिल जैसी दवाइयाँ बाज़ार में आने के बाद लड़कियों पर गंदे जुमले बन ने लगे। क्यों ज्यादातर कम उम्र की और अविवाहित लड़कियों में इसकी खरीद ज़्यादा देखी गई।



क्यों सेक्स एजूकेशन का विरोध ज़रूरी लग रहा है मुझे आज शायद इसलिए की एक डर हुआ करता था और एक शर्म हुआ करती थी की गर्भ न आ जाए आज वो डर हमने ख़त्म कर दिया और बच्चों को गर्त में भेज दिया। कंडोम बुरा नही है और न ही आई पिल जैसी दवाइयाँ ग़लत है तो प्रचार का तरीका और मार्केटिंग का तरीका...... कोई है जो हल्ला बोलेगा ऐसे असांस्कृतिक और अनैतिक प्रचार के ख़िलाफ़....




10 comments:

Mithilesh dubey said...

मुद्दा गंभीर है बन्धु।

राजीव तनेजा said...

गम्भीर मुद्दे पे बेबाक पोस्ट...

विवेक रस्तोगी said...

गंभीर मुद्दा है सामाजिक चिंतन की सख्त जरुरत।

शरद कोकास said...

अब यह तो हद है

Udan Tashtari said...

सही हल्ला बोला.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

सचमुच ये तो हद ही हो गई.....

Ajay Mohan said...

आज तो टीवी के एक ऐड में साफ कहा जाता है, "मुन्‍नी, हां क्‍या हुआ, कब, कोई प्रिकॉशन लिया, अगर गर्भवती हो गई तो..." जरा सोचिए ये मुन्‍नी किसी की बेटी या बहन भी हो सकती है। लेकिन निजी कंपनियां धन कमाने में जुटी है और हमारी सरकार कंबल ओढ़कर सो रही है... बहुत अफसोस होता है ऐसे विज्ञापन देखकर। विशाल जबतक इस मुद्दे पर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बहस नहीं छिड़ेगी तबतक कोई हल नहीं निकलेगा।

अविनाश वाचस्पति said...

हल्‍ला तो वे बोल चुके हैं
हमें इस हल्‍ले को अच्‍छा
हल्‍ला बोल के बंद करना है।

इन मार्केटिंग वालों के लिए
कोई लगाम ..........

Anonymous said...

bol do halla bol do hum sath hai.................

Anonymous said...

vaastav mein bahut galat sandesh ja raha hai is tarah ke vigyaapano ke zariye..