एक से या अनेक से पर कंडोम से ! आप लोग चौंक गए अरे ये मैंने क्या लिख दिया या ये मैं क्या कह रहा हूँ या लगता है विशाल आज पागल हो गया।
ऐसा मत सोचियेगा क्योंकि ये मेरा संदेश नही है। कुछ दिनों पहले मैंने एक प्रचार गाड़ी को देखा तो रक्षक कंपनी कंडोम का प्रचार कर रही थी और ये संदेश उस गाड़ी पर लिखा लिखा हुआ था। पढ़ कर मेरा दिमाग बहुत ख़राब हुआ। कंडोम का प्रचार ऐड्स से बचने के लिए होता था, जनसँख्या वृद्धि रोकने लिए होता था पर ये संदेश तो कुछ और भी कह रहा था आख़िर क्या असर पड़ता होगा उन युवाओं और बच्चो पर जो इसे पढ़ रहे होगे।
कुछ मानक होने चाहिए और कुछ नैतिकता भी। अब समझ में आता है क्यूँ सेक्स एजूकेशन के बाद U S A में बच्चों में सेक्स करने और कम उम्र में गर्भवती होने के मामलो में बढोत्तरी हुई। क्यों आई पिल जैसी दवाइयाँ बाज़ार में आने के बाद लड़कियों पर गंदे जुमले बन ने लगे। क्यों ज्यादातर कम उम्र की और अविवाहित लड़कियों में इसकी खरीद ज़्यादा देखी गई।
क्यों सेक्स एजूकेशन का विरोध ज़रूरी लग रहा है मुझे आज शायद इसलिए की एक डर हुआ करता था और एक शर्म हुआ करती थी की गर्भ न आ जाए आज वो डर हमने ख़त्म कर दिया और बच्चों को गर्त में भेज दिया। कंडोम बुरा नही है और न ही आई पिल जैसी दवाइयाँ ग़लत है तो प्रचार का तरीका और मार्केटिंग का तरीका...... कोई है जो हल्ला बोलेगा ऐसे असांस्कृतिक और अनैतिक प्रचार के ख़िलाफ़....
राम तो सबके हैं, लेकिन मंदिर पर अधिकार चंपत जी की टीम का ही है, जान लीजिए
व्यर्थ में दु:खी नहीं होंगे
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लखनऊ। पिछले कई दिनों से राम मंदिर ट्रस्ट, आयोध्या द्वारा खरीदी गई जमीन के
मामले में बवाल कटा पड़ा है। लेकिन बवाल क्यों है शायद ये ज्यादातर बवाल
करने ...
3 years ago
10 comments:
मुद्दा गंभीर है बन्धु।
गम्भीर मुद्दे पे बेबाक पोस्ट...
गंभीर मुद्दा है सामाजिक चिंतन की सख्त जरुरत।
अब यह तो हद है
सही हल्ला बोला.
सचमुच ये तो हद ही हो गई.....
आज तो टीवी के एक ऐड में साफ कहा जाता है, "मुन्नी, हां क्या हुआ, कब, कोई प्रिकॉशन लिया, अगर गर्भवती हो गई तो..." जरा सोचिए ये मुन्नी किसी की बेटी या बहन भी हो सकती है। लेकिन निजी कंपनियां धन कमाने में जुटी है और हमारी सरकार कंबल ओढ़कर सो रही है... बहुत अफसोस होता है ऐसे विज्ञापन देखकर। विशाल जबतक इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस नहीं छिड़ेगी तबतक कोई हल नहीं निकलेगा।
हल्ला तो वे बोल चुके हैं
हमें इस हल्ले को अच्छा
हल्ला बोल के बंद करना है।
इन मार्केटिंग वालों के लिए
कोई लगाम ..........
bol do halla bol do hum sath hai.................
vaastav mein bahut galat sandesh ja raha hai is tarah ke vigyaapano ke zariye..
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