टोड ने एक साँप को खा लिया वो भी वाइपर जाति के जो ज़हरीली होती है। लोस एंजेलिस के निक फोकोमेलिया बीमारी से ग्रसित हैं फ़िर भी तैरते हैं, गोल्फ खेलते हैं, फुटबॉल खेलते हैं। ये दो खबरें अजीब हैं और अच्छी भी। पर एक और अजीब ख़बर है मेरे हिसाब से जो अच्छी नही और उस पर ही कुछ विचार उमड़ रहे हैं....भारत में धारा ३७७ पर दिल्ली हाई कोर्ट के अजीब फैसले ने जो देश में अफरा तफरी का माहौल पैदा किया है। उस पर बहसों का सिलसिला शुरू हो चुका है। छोटे से कमरे से लेकर इसकी गूँज हर तरफ़ सुनाई देगी ।
मैं इस फैसले से सहमत नही। मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा की समलैंगिकता कोई मानसिक विकार या किसी बीमारी का परिणाम नही। पर इसका अर्थ ये नही की ये सही। अप्रकर्तिक सम्बन्ध शरीर को नुक्सान तो पहुंचाते हैं साथ ही परिवार वाद और मनुष्य जाति पर खतरा है। आखिर क्या वजह है की लोग समलैंगिक हो रहे हैं? लड़कियों के बीच अधिक रहने वाले लड़को में उन जैसी हरकतें करने की आदत और फ़िर लड़कियों में उनके प्रति लड़को वाला आकर्षण नही रह जाता । और ऐसे लड़के passive गे बन जाते हैं। दूसरी तरफ़ Active गे बन ने में पश्चिमी संस्कृति जिम्मेदार है। जिन देशो या एरिया में लड़कियां कम कपडों में रहती हैं वहां लड़कों में उनके प्रति वो आकर्षण नही रह जाता । ये कुछ ऐसा ही है कोई पसंदीदा चीज़ मिल जाने के बाद उसके प्रति मोह नही रह जाता । इसलिए उन देशों में खास तौर से जो इस्लामिक हैं और परदा प्रथा है वहां गे कम ही देखने को मिलेंगे।
लड़कियों के lesbian बन ने की वजह में टीवी और इन्टरनेट एक बड़ा कारक है.साथ ही उनका एक दूसरे के साथ अधिक रहने वाली लड़कियों में, पॉर्न साइट्स , ब्लू फ़िल्म आदि देखने वाली लड़कियों में ये प्रॉब्लम पैदा होती है। इसीलिए गर्ल्स hostel में लड़कियां इन बातों में ज़्यादा शामिल होती हैं न की घर में परिवार के साथ रहने वाली। पर एक मुख्य वजह और है उस काम को करने की इच्छा जो ग़लत है।
सम्लैंगिकिता अपने मन पर कंट्रोल न रखने वाली मानसिक विकृति से उत्पन्न एक सामाजिक बीमारी है।
ज़रूरी नही जो कानूनन सही हो और एक समूह उसका समर्थक हो वो हमेशा सही हो। संस्कृति अभाव में मेट्रो शहरों में अपनापन न होना , बडो की इज्ज़त न करना , कम उम्र में sex और उसके MMS, नशा और न जाने क्या क्या हो रहा । इनमे से कुछ कानूनन ग़लत नही हैं पर इनपर अफ़सोस तो सभी को होता है।
4 comments:
ब्लू फिल्म देखकर लड़कियां समलैंगिक बनती हैं? यह बात कुछ हजम नहीं हुई मान्यवर।
अच्छा, पर मनोवैज्ञानिक तो इसे स्वाभाविक क्रिया बता रहे हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मै आपकी बात से पुरी तरह सहमत हूं
@ रस्तोगी जी, ब्लु फ़िल्म देखने के बाद बढी हुई sexual desire कैसे शान्त होती है? गर्ल्स होस्टल मे लडके तो जा नही सकते...
ज़रा ये भी बता दें
bahut badhiya lekh likha hai apne , jankari ke liye shukriya
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